How to Check TDS Amount In Pan Card | TDS Wapas Kaise Milta Hai | TDS Kya hai

Short Information:- हमारे इनकम के ऊपर सरकार अलग-अलग प्रकार से टैक्स वसूल करती है। टीडीएस भी टैक्स वसूल करने का ही एक तरीका है। आज हम आपको इस आर्टिकल में Tax Deducted at Source के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि टीडीएस क्या होता है, टीडीएस कितने प्रकार का होता है? टीडीएस क्यों होता है, साथ ही जानेंगे कि टीडीएस आप किस प्रकार से फाइल कर सकते हैं और इसे कैसे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।


Tax Deducted at Source (TDS)

टीडीएस को लेकर कई प्रकार के सवाल अब तक आपके मन में आए होंगे। टीडीएस में सैलरी का एक हिस्सा कट कर लिया जाता है। आपकी इनकम के हिसाब से आपको अलग-अलग टैक्स देना होता है। टीडीएस भी सरकार द्वारा लिए जाने वाले टैक्स का ही एक तरीका है। टीडीएस के बारे में आप लोगों को शायद पूरे तरीके से पता नहीं होगा।


आज इस आर्टिकल में हम आपको Tax Deducted at Source क्या है? टीडीएस के रूल्स क्या है? टीडीएस कैसे आप रिफंड प्राप्त कर सकते हैं? टीडीएस रिफंड क्या होता है। ऐसी सभी जानकारी देने वाले हैं इसके लिए आर्टिकल को अंत तक ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।


Tax Deducted at Source क्या है?

टीडीएस टैक्स की एक ऐसी राशि होती है जिसे आपके एंप्लॉयर द्वारा काटा जाता है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस राशि का भुगतान कर दिया जाता है। टीडीएस का रेट क्या रहेगा यह हर व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग रहता है। टीडीएस का रेट कुछ बातों पर निर्भर करता है जैसे आपकी सैलरी कितनी है आपकी उम्र कितनी है आदि।


टीडीएस तब काटा जाता है जब आप कोई सैलरी, कमीशन, रेंट, इंटरेस्ट या प्रोफेशनल फीस भर रहे हैं। जो व्यक्ति पेमेंट करता है वह टीडीएस का अमाउंट उसे पेमेंट में से घटा देता है। इसके बाद जो व्यक्ति पेमेंट प्राप्त करता है उसको टैक्स रिटर्न भरने की जिम्मेदारी होती है।


टीडीएस कब काटा जाता है। और इसे कौन काटता है?

    • अगर आप इनकम टैक्स के अंतर्गत आने वाला किसी भी प्रकार का पेमेंट करते हैं तो उसे समय आपका टीडीएस कटता है।
    • अगर आप एक अकेले व्यक्ति हैं या हिंदू अनडिवाइड फैमिली से हैं तो आपको टैक्स या टीडीएस कटवाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
    • अगर आप अकेले व्यक्ति हैं या HUF है और ₹50000 से ज्यादा का रेंट का भुगतान कर रहे हैं तो आपको 5% टीडीएस देना होगा।
    • अगर आप कहीं पर प्रोफेशनल जॉब करते हैं तो आपको नौकरी देने वाली कंपनी आपकी सैलरी के हिसाब से और इनकम टैक्स स्लैब रेट के आधार पर आपका टीडीएस कट करता है।
    • जिस बैंक में आपका अकाउंट है वहां पर 10% टीडीएस कट होता है। अगर बैंक के पास आपकी सभी डिटेल उपलब्ध नहीं है ऐसी स्थिति में 20% तक टीडीएस कट हो सकता है।
    • नौकरी और सैलरी के मामलों में आपका एंपलॉयर ही टैक्स स्लैब के आधार पर आपका टीडीएस कट करता है।
    • अगर आप अपने एंपलॉयर को अपने इन्वेस्टमेंट से संबंधित और अपने खर्चों से संबंधित प्रूफ दिखाते हैं और आपका सालाना इनकम 2.5 लाख रुपए से कम जाता है तो आपका टीडीएस कट होने से बच जाता है।

    Tax Deducted At Source कितने प्रकार के होते हैं?

    • सैलरी
    • बैंक इंटरेस्ट
    • कमीशन पेमेंट
    • कांट्रेक्टर पेमेंट
    • इंश्योरेंस कमीशन
    • रेंट पर की गई पेमेंट
    • डीम की गई डिविडेंड
    • ब्रोकरेज और कमीशन
    • इमोवेबल प्रॉपर्टी का ट्रांसफर
    • सिक्योरिटी पर लगने वाला इंटरेस्ट
    • एलआईसी के अंतर्गत आने वाला अमाउंट
    • इमोवेबल प्रॉपर्टी पर आने वाली कंपनसेशन
    • कंपनी के डायरेक्टर को दी जाने वाली सैलरी
    • सिक्योरिटी पर लगने वाले इंटरेस्ट के अलावा इंटरेस्ट
    • क्रॉस वर्ड पजल, लॉटरी आदि जैसे गेम से मिलने वाली राशि

    सैलरी पर कितना लगता है टीडीएस

    टीडीएस का रेट हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। यह आपकी इनकम पर निर्भर करता है साथ ही आपकी उम्र पर भी निर्भर करता है।

    • अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से कम है और आपकी इनकम 2.5 लाख रुपए से कम है तो आपका टीडीएस जीरो होगा। ऐसी स्थिति में नए टैक्स रेजीम के अनुसार आपको टीडीएस भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
    • अगर आपकी इनकम 2.5 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए के बीच में है तो वहां पर 5% टीडीएस लगता है।
    • अगर आपकी इनकम ₹500000 से लेकर 7.5 लाख रुपए के बीच में है तो आपको 10% टीडीएस देना होगा।
    • अगर आपकी इनकम 7.5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए के बीच में है तो 15% टीडीएस लगेगा।
    • 10 लाख से लेकर 12.5 लाख रुपए के बीच में आपकी सालाना इनकम है तो टीडीएस लायबिलिटी 20% होगी।
    • अगर आपकी सालाना इनकम 12.5 लाख से 15 लाख रुपए के बीच में है तो टीडीएस लायबिलिटी 25% हो जाती है।
    • अगर आपकी इनकम 15 लाख से ऊपर है तो टीडीएस लायबिलिटी 30% कटने वाली है।

    TDS सर्टिफिकेट क्या होते हैं, कितने प्रकार के होते हैं?

    जितने भी सैलरी वाले कर्मचारी होते हैं फिर चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट कर्मचारी उन्हें आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 भरना होता है। फार्म 16 वह जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां पर उन्हें मिलता है जिसे भरकर आईटीआर फाइल करना होता है।

    फार्म 16 मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं आईए जानते हैं उनके बारे में...

    Form 16

    यह टीडीएस का ऐसा सर्टिफिकेट होता है जिसे हम सैलरी सर्टिफिकेट के नाम से जानते हैं। आप जिस कंपनी में काम कर रहे हैं उसे कंपनी द्वारा आपको यह फॉर्म 16 सर्टिफिकेट दिया जाता है। जिसमें आपका काटा गया टीडीएस और सभी प्रकार के टैक्स से संबंधित जानकारी होती है। फार्म 16 के अंदर कंपनी का पैन टैन और बता दिया हुआ होता है। इसके साथ ही कर्मचारी का नाम इसका पैन कार्ड और एड्रेस की डिटेल टीडीएस की डिटेल और सरकार के पास जमा किए गए पैसे की डिटेल इसमें शामिल होती है।

    Form 16A

    सैलरी के अलावा आपको जो भी इनकम प्राप्त होती है तो उसे पर आपको फार्म 16A भरना होता है। यह अतिरिक्त इनकम किराया, इंश्योरेंस, एफडी या अन्य कई प्रकार से ब्याज के माध्यम से मिली हुई इनकम होती है। फार्म 16 ए के अंदर आपकी टीडीएस और जिस कंपनी के माध्यम से आपको सैलरी के अलावा इनकम हुई है उसकी सभी डिटेल शामिल होती है।

    Form 16B

    अगर आप किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी जमीन को बेचते हैं तो इस पर जो आपको राशि प्राप्त होती है उसका सर्टिफिकेट फॉर्म 16b है। जमीन बेचने पर जो भी राशि प्राप्त होती है सरकार उसे पर एक प्रतिशत टीडीएस कट करती है जो आयकर विभाग में जमा हो जाता है। फार्म 16 B में आपकी टैक्स की कैलकुलेशन भुगतान की गई टीडीएस राशि और अन्य महत्वपूर्ण डिटेल्स शामिल होती है।


    TDS Refund क्या होता है?

    आपकी सैलरी या किसी भी प्रकार की इनकम में से आपका टीडीएस सरकार द्वारा कट कर लिया जाता है। आप उसे सालाना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करके रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। रिफंड प्राप्त करने के लिए आपको अपना बैंक अकाउंट, आईएफएससी कोड जैसी सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी देनी होगी। इसके बाद आपकी एक फाइल तैयार कर दी जाती है।

    जहां पर आपको एक फाइनेंशियल ईयर में किए गए सभी प्रकार की खर्च, सामान खरीदने, बेचने की डिटेल सभी कुछ बताना होगा। उसके बाद अगर पाया जाता है कि आपकी इनकम टैक्स स्लैब के दायरे से कम हो गई है तो आपका कट किया गया टीडीएस का अमाउंट आपके बैंक अकाउंट में रिफंड कर दिया जाता है।


    Note:-

    मैंने आज आपको इस आर्टिकल में Tax Deducted at Source के बारे में जानकारी दी है। मगर आप भी टीडीएस रिटर्न भरते हैं या टीडीएस रिफंड लेना है तो नीचे बताई गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।


    TDS Check By PAN Card कैसे करें

    अगर आपका टीडीएस कट होता है तो आप अपने पैन कार्ड का उपयोग करके आसानी से चेक कर सकते हैं कि कितना टीडीएस कट हुआ है इसके लिए आपको नीचे बताई गई प्रक्रिया को फॉलो करना है।

    • सबसे पहले आपको TDS CPC पोर्टल पर विजिट करना है।
    • यहां पर आपको Tax Payer तब पर क्लिक करना है
    • इसके बाद लेफ्ट हैंड मेनू में Quick Links के सेक्शन में आपको View TDS/ TCS Credit के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
    • एक नया पेज आपके सामने खुलेगा जहां पर आपको वेरिफिकेशन कोड दर्ज करके Proceed के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
    • इसके बाद अगले पेज पर आपको आपका पैन कार्ड और अन्य महत्वपूर्ण इनफॉरमेशन पूछी जाएगी।
    • सभी प्रकार की जानकारी सही प्रकार से दर्ज करने के बाद आपको Go बटन पर क्लिक कर देना है।
    • आपके सामने स्क्रीन पर आपकी टीडीएस से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी नजर आने लगेगी जिसे आप चेक कर सकते हैं और इसका स्क्रीनशॉट लेकर अपने पास सुरक्षित रख सकते हैं।

    TDS Return Filing Online कैसे करें

    अगर आपको टीडीएस रिटर्न फाइल करना है तो इसकी स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस आप नीचे चेक कर सकते हैं इसे ध्यान पूर्वक फॉलो करें

      • सबसे पहले आपको इनकम टैक्स E-Filing Portal की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना है।
      • इसके बाद आपको अपने लॉगिन आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके वेबसाइट पर लॉगिन कर लेना है।
      • इसके बाद आपको TDS टैब के अंतर्गत Upload TDS पर क्लिक करना है।
      • इसके बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जहां पर आपसे TAN, FVU, Financial Year और अन्य कई प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी पूछी जाएगी जो आपको दर्ज करना है। इसके बाद आपको Validate के बटन पर क्लिक करना है।
      • आप इस फॉर्म को डिजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट या फिर इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड के माध्यम से वेरीफाई कर सकते हैं।
      • जब आपका वेरिफिकेशन हो जाता है तो आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी प्रकार की जानकारियां दर्ज करके सबमिट कर देना है।
      • इसके बाद आपके सामने स्क्रीन पर acknowledgment token number नजर आने लगेंगे जिसे अपने पास सुरक्षित रख लेना है।

      TDS Return Filing Status कैसे देखें

      अगर अपने ऊपर बताई गई प्रक्रिया के अनुसार टीडीएस रिटर्न फाइल कर दिया है तो आप इसकी स्टेटस को चेक कर सकते हैं

      • सबसे पहले आपको आयकर विभाग की ई फाइलिंग ऑफिसियल वेबसाइट पर विजिट करना है।
      • यहां पर आपको Login के विकल्प पर क्लिक करना है और अपनी लॉगिन डिटेल का उपयोग करके लोगों कर लेना है।
      • इसके बाद आपको मेरा खाता के अंदर Form 26AS के विकल्प पर क्लिक करना है।
      • इसके बाद आपके सामने एक ट्रेस पोर्टल खुल जाएगा।
      • यहां पर आपसे कई प्रकार की जानकारी पूछी जाएगी जो आपको सही प्रकार से दर्ज करना है और सबमिट कर देना है।
      • आपके सामने स्क्रीन पर आपके टीडीएस रिटर्न फाइलिंग की स्टेटस नजर आने लगेगी।

      Frequently Asked Questions FAQ
      Q1. TDS से क्या मतलब है?
      Ans टीडीएस का मतलब है टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स
      Q2. TDS क्यों कटता है?
      Ans भारत सरकार के अनुसार अगर आपकी सैलरी ₹500000 से अधिक है तो कंपनी आपका टीडीएस कट कर सकती है
      Q3. कितनी सैलरी पर टीडीएस कटता है?
      Ans अगर आपकी सैलरी सालाना ₹500000 से अधिक है तो आप टीडीएस कटौती की कैटेगरी में आ जाते हैं
      Q4. TDS और Income Tax में क्या अंतर होता है?
      Ans इनकम टैक्स में टैक्स देना नहीं देना यह सब टैक्स पेयर निर्धारित करता है जबकि टीडीएस में जहां से उसको इनकम प्राप्त हो रही है वहीं से टैक्स कट कर लिया जाता है
      Q5. TDS Return या रिफंड कैसे मिलता है?
      Ans सरकार द्वारा ₹500000 तक की बेसिक टैक्स छूट सीमा दी गई है अगर आप ₹500000 से ऊपर की कमाई करते हैं तो आपका टीडीएस कटता है जब आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो यह कट किया गया पैसा आपको मिल जाता है

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